इस मामलेकी सुनवाई २ ८ जून को उच्च न्यायालय में हुयी थी लेकिन न्यायाधीश ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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ऐसा माना जा रहा है कि वे इस मामलेकी सुनवाई के दौरान थाईलैंड वापस नहीं आएंगे, क्योंकि उनका मानना है कि थाईलैंड की वर्तमान राजनीति परिदृश्य में उन्हें न्याय नहीं मिलेगा।